आज के दिनों में जब Yoga बहुत popular होता जा रहा है, एक शब्द Meditation (Dhyana) बहूत सुनने को मिलता है। तो आज हम जानेंगे की Meditation क्या होता है ( What is mediation ), Meditation का उद्देश्य ( Purpose of
Meditation ), benefits of meditation तथा Meditation से कुछ तथ्यों को।
ध्यान क्या है ? | What is meditation
आज के समय में इसकी popularity बढ़ जरुर गयी है लेकिन यह ज्ञान आज का नही है। meditation एक बहुत प्राचीन समय से चला आ रहा ज्ञान है। यह एक बहुत पुरानी विद्या है। जिस-जिस ने इसको अपनाया उसने इसकी अपनी कुछ अलग ही परिभाषा दी है। किसी ने इसे ईश्वर प्राप्ति का मार्ग बताया तो किसी ने आनंद की एक प्रक्रिया, कोई इसे क्रिया कहता है तो कोई अक्रिया। कोई कहता है इससे करना पड़ता है और कोई कहता है की यह बस हो जाता है। असल में यह चीज ही एसी है। अपने अन्दर ही बहुत सारे प्रश्नों को छुपाए एक रहस्य।
ध्यान असल में मन की एक स्थिति है जब मन अपनी चंचलता को कुछ समय के लिए रोक देता है और स्थिर हो जाता है किसी भी एक चीज में। यह चीज कुछ भी हो सकती है , बाहरी या आतंरिक । चाहे कोई book हो, चाहे अपनी सांस या भीतर की शुन्यता। स्वामी विवेकानंद ने ध्यान को एक तीर्थ कहा है। ध्यान वो प्रक्रिया है जो हमारे बोध को बढाता है। हमारी सोचने समझने की श्रमता को बढाता है। ध्यान का कुल अर्थ है बस स्थिर हो जाना अपनी धारणा पर स्थिर हो जाना। महर्षि पतंजलि के योग सूत्र में वर्णित अष्टांगयोग में ध्यान 7वे स्थान पर आता है। इसके पहले सब ध्यान की तैयारी है और समाधी ध्यान का परिणाम ।
मन की चंचलता से मतलब है हमेशा चलते रहने वाले विचार। इसका अर्थ यह नही है की विचार आना अच्छा नही बल्कि यह है की अकारण और Negative विचार मन में चलते रहना ठीक नही ।Scientifically देखा जाए तो हर विचार की अपनी एक frequency होती है इसका अर्थ है की हर विचार में कुछ निहित उर्जा तो होगी ही, और हमारे मन में एक दिन में 60,000 से 80,000 तक विचार आते है जिनमे से काफी सारे बेकार ही होते है। तो सोचिये कितनी Energy का loss हर दिन होता है हमारे ही मन में हमारे ही खिलाफ। ध्यान है इस loss को रोक कर उस उर्जा को किसी एक दिशा में लगाना , और जब इतनी उर्जा एक दिशा में लगेगी तो चमत्कार तो होगा ही ।
ध्यान का उद्देश्य | Purpose of Meditation
ध्यान का कुल उद्देश्य अपने मन के विचारों को कुछ कम करके अपने बोध को बढ़ाना है। जब मन एक दिशा में स्थिर होता है तब बोध बढता है चीजों को हम बहुत अच्छे से समझने लगते है। जब बोध बढता है तब हम उन चीजो को महसूस करने लगते है जिनको हम आजतक नहीं कर पाए। ध्यान तब हमारे लिए एक चमत्कार बन जाता है। ध्यान ही है जो हमें बाकियों से कुछ अलग बनता है इसलिए हमें अपने ध्यान पर ध्यान देना चाहिए।☺



