Human consciousness | What is consciousness |
Levels of Consciousness
आज हम
बात करेंगे human consciousness के
बारे में और जानेंगे What is
consciousness & Levels of
Consciousness
consciousness यह जितना scientific term है उतना ही Spiritual term भी है।
consciousness जिसे हिंदी में चेतना कहते
है का मतलब है बोध। वो शक्ति जो हमें किसी भी चीज का अनुभव करा रही हे जैसे स्पर्श, स्वाद, शब्द, विचार
आदि। चेतना ही है जिसकी वजह से हमें किसी भी चीज का ज्ञान प्राप्त होता है। हमारी
सारी इन्द्रिया इसी शक्ति के जरिये कम करती है, हम जिस चीज पर ज्यादा चेतन
होंगे उतना ही ज्यादा उससे ज्ञान प्राप्त करेंगे। जितना भी काम हम consciously कर रहे
है उतना हमें ज्यादा याद भी रहता है। वर्षो से हमारे ऋषि मुनि इसपर शोध कर रहे है।
इसी पर कार्य कर रहे है उन्होंने इसके महत्व को समझा और इसके लिए अपना घर परिवार
भी छोड़ा था।
हमारे पूर्वज और भारतीय ऋषि मुनि यह हमेशा से जानते थे की मानवीय चेतना (human
consciousness) अपने आप में बहुत बड़ी चीज है तथा यह अपने स्वरुप में बढती-घटती
रहती है। जिसके द्वारा इसके Levels निर्धारित होते रहते है। वह यह जानते थे की हम
अभी जिस चेतना के साथ जी रहे है वह उसकी पूर्ण या स्थिर स्थिति नही है कभी कभार यह
बाद कर हमें कुछ ऐसे अनुभव करा देते है जो अनुपम है। और अगर कोई अतीन्द्रिय स्थिति
(Supernatural State) में जाना चाहे तो अपनी चेतना पर काम करके वो उस स्थिति में
जाता है। और ऋषि मुनियों ने इसका सबसे अच्छा रास्ता निकाला ध्यानयोग (Meditation) ।
योग पूर्णतः अपने ऊपर ही काम करना होता है। पतंजलि
ने अपनी योगसूत्र में योग की परिभाषा दी है “योग्शचित्तवृति निरोधः” यानि चित्त वृत्तियों
का निरोध ही योग है। चित्तवृति यानि विचार, कुछ समय के लिए स्थिर हो जाना जिससे मन
शांत होगा वो बोध या चेतना (consciousness)बढ़ेगी।
Level of Consciousness
Medical science की की नजर से देखा जाए तो
Consciousness एक बहुत बड़ा विषय है हमारा हर action Consciousness पर ही निर्भर करता
है। किसी भी बड़े operation को करने से पहले डॉक्टर पहले उस अंग(body part) से
Consciousness को कुछ देर के लिए हटाते है। ताकि मरीज को दर्द का एहसास नही हो। ठीक
इसी तरह आध्यात्मिकता में भी consciousness का बहुत ज्यादा महत्व है। आध्यात्मिकता
में पूरा जोर केवेल consciousness को ठीक करने में लगाया जाता है। साडी ध्यान की
विधिया भी इसी पर केन्द्रित है। consciousness का level consciousness की स्थिति
पर निर्भर करता है। और इस तरीके से चेतना (consciousness) के चार लेवल होंगे।
अचेतना unconsciousness, अर्धचेतना subconsciousness
सामान्य चेतना consciousness
अत्तिन्द्रिय चेतना super-consciousness
विश्व चेतना collective consciousness या cosmic
consciousness
हर मनुष्य जाग्रत अवस्था में सामान्य चेतना की
स्थिति में होता है। इस स्थिति में उसके शरीर के कुछ कार्य अचेतन(unconscious) ही
हो जाते है जेसे साँसों का चलना, खून का बहना, पाचन आदि। जब मनुष्य नींद में जाता
है तो वो (subconsciousness)अर्धचेतन अवस्था में होता है। इस अवस्था पर काफी काम
हुआ है, पश्चिम ने इसपर काफी सारी शोध की है यह भी एक अनोखी अवस्था होती है जिसमे
हम अपने मन को कुछ निश्चित चीजो के instruction देकर तैयार करते है।
super-consciousness & cosmic-consciousness दिव्य स्थिति होतीं है जो ध्यान की
गहराइयो में मिलती है। यही ध्यान का परिणाम समाधी है जिसमे मनुष्य किसी एक चीज में
पूरी तरह खो जाता है। इस स्थिति में मनुष्य काफी अतीन्द्रिय अनुभव करता है। जो बड़े
अलोकिक मालूम पड़ते है।
consciousness एक विस्तृत विषय है इस ब्लॉग में
आपको इसके बारे में कुछ चीजे जरुर पड़ने को मिली होगी।